भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट के लिए कानून की संवैधानिक स्थिति के संबंध में याचिका पर सुनवाई की। और याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे बढ़ाने से देश में सांप्रदायिकता और अशांति फ़ैलाने वालों पर कुछ हद तक रोक लगेगी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका का नंबर सिविल रिट प्टीशन 782/2022 है, जिस पर अदालत ने 9 सितंबर, 2022 को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था । जमीयत उलेमा-ए-हिंद एकमात्र संगठन है जिसने इस कानून के संरक्षण के लिए एक विशेष याचिका दायर की है और कानून को खत्म करने की मांग वाली याचिका की पहली सुनवाई में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन पेश हुए थे । तब से, जमीयत उलेमा-ए-हिंद इस केस को लड़ रही है। तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में करेगी। @ArshadMadani