प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल में सऊदी अरब की यात्रा कर सकते हैं, जहां वे व्यापार, निवेश, ऊर्जा और रक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे. यह यात्रा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर भी केंद्रित होगी. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं और व्यापार में लगातार वृद्धि देखी गई है. भारतीय निवेश भी सऊदी अरब में बढ़ रहा है. यह यात्रा दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने सऊदी अरब के दौरे पर जा सकते हैं, जहां वे ट्रेड, निवेश, एनर्जी और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बातचीत कर सकते हैं. पीएम मोदी का ये दौरान दो दिवसीय हो सकता है. इस संबंध में अभी तक आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों को हवाले से मामले से परिचित लोगों ने ये बात कही है. उनका कहना है कि दोनों पक्षों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के साथ-साथ प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर भी बातचीत होने की उम्मीद है.

दरअसल, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे. शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका के नेताओं ने एक नए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे को विकसित करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताते हुए एक समझौता ज्ञापन की घोषणा की थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों हवाले से बताया है कि पीएम मोदी अप्रैल के तीसरे सप्ताह में सऊदी अरब की यात्रा कर सकते हैं. उनकी ये लगभग चार साल के बाद पहली यात्रा होगी. बीते साल नवंबर में सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद भारत के दौरे पर आए थे. इस दौरे को दौरान दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर बातचीत की थी.

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