दिल्ली में फुटपाथ पर अतिक्रमण होने के कारण लोग सड़क पर चलने को मजबूर हैं। इस वजह से कई बार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2025 में सिर्फ चार महीने में ही पैदल चलने वाले 184 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई। इस हिसाब से हर महीने सड़क पर पैदल चलने वाले 46 लोगों की जान गई है। वहीं, 2024 में सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों की सड़क हादसे में मौत की संख्या 48 से अधिक थी। जबकि 2023 में यह संख्या हर महीने 51 से अधिक थी। दिल्ली में लगभग 80 प्रतिशत से अधिक जगहों पर रेहड़ी-पटरी वाले, दुकानदारों और गाड़ी वालों ने अतिक्रमण कर रखा है। ऐसे में लोग मजबूरी में सड़क पर चलने को मजबूर है।
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक लगातार अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है और इन्हें हटाया जाता है। चालान भी किया जाता है। यही कारण है कि हर साल पैदल चलने वाले लोगों की सड़क हादसे में मौत की संख्या में कमी आ रही है। हालांकि कई बार यह भी देखा गया है कि अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा से दुकानदार, रेहड़ी पटरी वाले और गाड़ी वाले फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लेते हैं।
अडिशनल कमिश्नर ट्रैफिक सत्यवीर कटारा ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस हादसे को कम करने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम करती है। लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग के बारे में बताया जाता है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जाती है। खासकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वाले, शराब पीकर ड्राइविंग करने वालों पर यह कार्रवाई की जाती है। यही कारण है कि हर साल पैदल चलने वाले लोगों की सड़क हादसे में मौत की संख्या में कमी आ रही है।
बिलकुल सही रिपोर्ट है यह। जामुन वाले पार्क के सामने वाले रोड पर तो दशा दयनीय है। सख़्त क़दम उठाया जाना चाहिए। 🇮🇳