हाईकोर्ट से खोखेदारों की याचिका खारिज होने के छह सप्ताह बाद नगर निगम ने बुधबाजार में खोखे तोड़ दिए। इस दौरान नगर निगम के आवंटित खोखा दुकानदारों ने हंगामा किया। महिलाएं खोखों के सामने खड़ी होकर खोखे हटाने का विरोध करने लगीं। कई महिलाएं रोने लगीं। खोखा दुकानदार विरोध के बीच धरने पर बैठ गए। पुलिस, प्रशासनिक व नगर निगम अधिकारी समझाते रहे।
पुलिस द्वारा धरने से उठाने के बाद 13 खोखों को बुलडोजर से तोड़ा गया। सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक खोखे तोड़ने और खोखों का मलबा समेटा गया। इस बीच बुधबाजार में जाम की स्थिति रही। पीएसी, कोतवाली पुलिस ने जाम व तमाशबीनों को तितर बितर किया। बुलडोजर जब नहीं रुका तो दुकानदारों ने सामान निकालना शुरू कर दिया। वाहनों में अपना सामान भरकर ले गए।
खाेखाें के शटर गिराकर टीम का किया विरोध
नगर निगम टीम दल बल के साथ जब बुधबाजार पहुंची तो खोखा दुकानदार बाहर आ गए और खोखों के शटर गिराकर नगर निगम टीम का विरोध करने लगे। नगर निगम ने एनाउंसमेंट करके खोखों से सामान बाहर निकालने को कहा। लेकिन, दुकानदार मोहलत देने की गुहार लगाते रहे। खोखेदारों व उनके परिवारों की महिलाओं ने सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक खोखा नहीं तोड़ने की गुहार लगाई। लेकिन, नगर निगम ने हाईकोर्ट के चार अप्रैल को आए आदेश के पालन के क्रम में खोखे तोड़ दिए।
नगर निगम अधिकारियों का कहना था कि हाईकोर्ट से खोखेदारों की याचिका खारिज होने के बाद नगर निगम ने स्वयं खोखे हटाने को छह सप्ताह का समय दिया था। लेकिन, इस अवधि में उन्होंने बुधबाजार की सड़क पर रखे खोखों को नहीं हटाया। खोखा हटाने की कार्रवाई नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल के निर्देश पर नगर निगम की टीम ने की।
65 साल पहले आवंटित हुए थे खाेखे
बुधबाजार में 65 साल पहले नगर निगम (तब नगर पालिका) से खोखे बुधबाजार में आवंटित हुए थे। बुधबाजार में स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्मार्ट रोड नेटवर्क और रेट्रोफिटिंग का काम किया गया है। 13 खोखा दुकानों का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण ढाई साल पहले नगर निगम ने इन खोखों को छोड़कर पूरे बुधबाजार में अतिक्रमण हटाया था। 13 खोखा दुकानदारों की जगह छोड़कर एक साल पहले निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब चार अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट से खोखेदारों की याचिका खारिज हो चुकी है। इसके बाद छह सप्ताह का समय नगर निगम ने खोखेदारों को खोखे हटाने के लिए दिया था।
अधिकारी मौके पर पहुंचे
जब खोखे नहीं हटाए तो नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल की ओर से 14 मई को जिलाधिकारी मजिस्ट्रेट, महिला व पुरुष पुलिस अधिकारी उपलब्ध कराने का पत्र लिखा था। पुलिस, पीएसी, मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में खोखे हटाए गए। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह, सीओ कोतवाली सुनीता दहिया, प्रशिक्षु आइएएस आदित्य श्रीवास्तव, संयुक्त नगर आयुक्त निशा मिश्रा, उप नगर आयुक्त रामपाल समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
खोखेदार शापिंग काम्पलेक्स में दुकानें लेने को नहीं हुए तैयार
हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत खोखेदारों को टाउन हाल पर स्मार्ट सिटी के नवनिर्मित शापिंग काम्पलेक्स में बुधबाजार के खोखेदारों के लिए दुकानें आरक्षित की गई थीं। रियायती प्रीमियम तय करने के बाद भी खोखेदार पक्की दुकानें लेने को तैयार नहीं हुए और बुधबाजार में ही टिके रहे। दुकानदारों का कहना है कि इतना बड़ा प्रीमियम खोखा दुकानदार देने में सक्षम नहीं है। निगम ने शॉपिंग कॉम्पलेक्स में दुकानें नहीं लेने पर निश्शुल्क रूप से कुक्कुटशाला रोड पर खोखा स्थानांतरित करने का भी प्रस्ताव दिया था। लेकिन, खोखा स्वामी यहां भी जाने को तैयार नहीं हुए।
स्मार्ट सिटी योजना के लिए काम
इसके बाद नगर निगम ने स्मार्ट सिटी योजना में सड़क चौडीकरण में बाधक अपने आवंटित खोखों हटाने की कार्रवाई की। खोखे हटाने का एनाउंसमेंट के बाद भी जब नहीं हटाया तो दोपहर 12ः30 बजे सिकमी कब्जेदार बाम्बे हेयर ड्रेसर के नाम से अनाधिकृत खाेखे को हटाया गया। हेयर ड्रेसर के मौके पर आने पर सामान ले जाने को कहा। लेकिन, वह लेकर नहीं गए। इस पर नगर निगम ने हेयर ड्रेसर का सामान भरवाकर गोदाम में पहुंचाया। अन्य दुकानदार स्वयं अपना सामान ले जाने लगे। सामान खुद ले जाने पर निगम की ओर से फर्द पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की गई। लेकिन, खोखेदारों ने हस्ताक्षर से इन्कार कर दिया।
काम्पलेक्स में रियायती दरों में नहीं मिलेंगी अब दुकानें
नगर निगम प्रशासन के साथ टाउन हाल काम्पलेक्स में रियायती दरों पर बुधबाजार के खोखेदारों को आरक्षित दुकानें देने की वार्ता कई बार विफल हो चुकी है। छह सप्ताह की मियाद भी स्वयं खोखे हटाने की खत्म हो गई। अब नगर निगम काम्पलेक्स में खोखा धारकों को रियायती दरों में पक्की दुकानें नहीं देगा।सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से ही दुकानों को आवंटित किया जाएगा।