स्विट्जरलैंड सिर्फ अपनी खूबसूरत वादियों के लिए ही नहीं बल्कि खूबसूरत और चमचमाती इमारतों के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा स्विट्जरलैंड मशहूर है टैक्स चोरी के बाद उस पैसे को छिपाने के बैंक के लिए. स्विट्जरलैंड में स्विस बैंक है, जहां पर लोग काला धन को जमा करके उसे जमाखोरी का अड्डा बना चुके हैं. इस बैंक को दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक माना जाता है. स्विट्जरलैंड के बैंकों की कई खासियतें हैं जो कि उनको टैक्स हैवेन बनाती हैं. चलिए जानें कि यह कितना बड़ा है और इसकी कुल संपत्ति कितनी है. 

क्यों सुरक्षित माना जाता है स्विस बैंक यहां पर लगभग 400 बैंक हैं और ये बैंक स्विस फेडरल बैंकिंग एक्ट की गोपनीयता कानून के सेक्शन 47 के तहत बैंक अकाउंट खोलने का अधिकार रखते हैं. इस धारा के तहत कोई अकाउंट होल्डर जब तक किसी ऐसे फाइनेंशियल क्राइम से न जुड़ा हो जो कि स्विट्जरलैंड में भी अपराध माना जाता हो, तब तक बैंक उसके बारे में कोई जानकारी नहीं देता है. ऐसे किसी मामले में पुलिस भी उससे पूछताछ नहीं कर सकती है. यही वजह है कि लोग अपना काला धन स्विस बैंक में रखना पसंद करते हैं. 

स्विस बैंक की संपत्ति रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2023 तक स्विस बैंकों की कुल संपत्ति लगभग 3.22 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी. साल 2002 में यह संख्या 1.91 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गई थी. यूबीएस की कुल  संपत्ति 1.4 ट्रिलियन स्विस फ्रैंक से ज्यादा थी. साल 2021 इस बैंक में भारतीय लोगों की संपत्ति 3.83 बिलियन स्विस फ्रैंक थी, जो कि 14 साल का उच्चतम स्तर था. फिर साल 2023 में यह घटकर  1.04 स्विस फ्रैंक रह गई थी. स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों का जमा पैसा साल 2021 में 30,500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई थी.

स्विस बैंक के टॉप 10 ग्राहक स्विस बैंकों में विदेशी ग्राहकों में धन के मामले में ब्रिटेन का नाम टॉप पर आता है. इसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका का नाम आता है. टॉप 10 देशों की बात करें तो इसमें जर्मनी, फ्रांस, वेस्ट इंडीज, सिंगापुर, नीदरलैंड, बहामास, लक्जमबर्ग, हांगकांग, केमैन आइसलैंड और साइप्रस हैं. इस लिस्ट में भारत का नाम 44वें स्थान पर है. इसमें रूस 15वें और चीन 24वें स्थान पर है. 

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